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Wednesday, November 25, 2015

आखिर मैं कौन हूँ

स्त्तब्ध हूँ हैरान हू 
बिल्कुल ही मौन हूँ
कौई मुझे बताऐ 
आखिर मैं कौन हूँ
न काम का पता है
और न नाम का पता
करना है क्या मुझे नहीं
इसका भी है पता
कल क्या नया फरमान हो
मै भी न जानता हूँ
जिस दिन जो कहा जाए
मै उसको मानता हूँ
खुद जानता नहीं मै
आधा या पौन हूँ
कौई मुझे बताए 
आखिर मै कौन हूँ
मध्यान्ह की व्यवस्था
मुझको ही देखना है
गलती है किसी और की
मुझको ही भोगना है
स्व सहायता समूह की
ये कैसी भागीदारी
भोजन में जोंक निकले
मेरी ही जिम्मेदारी
शिक्षक हूँ या रसोइया
न जाने कौन हूँ
कौई मुझे बताऐ 
आखिर मैं कौन हूँ
समग्र स्वच्छता में
मैं ही हूं जिम्मेदार
गंदा न हो शौचालय
ये भी है मुझ पे भार
कक्षा में बाट जोहते
मेरे देश के नौनिहाल
हे राष्ट्र के निर्माता
कर दो मेरा उद्धार
आदमी हूँ में या 
जिन्नों का क्लोन हूं
कौई मुझे बताऐ 
आखिर मैं कौन हूँ
सम्मान था आभिमान था
शिक्षा ही काम था
आदर सभी से मिलता था
शिक्षक ही नाम था
हर पल नई खबर है
नई जानकारिया
अब लाइलाज हो गई
मेरी बीमारियां
शिक्षक तो अब रहा नहीं
मैं टेलीफोन हूँ
कौई मुझे बताऐ 
आखिर मैं कौन हूँ

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