Pages

Saturday, November 19, 2016

*मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिय।*

👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽

*-मैं भारत का नागरिक हूँ,*
*_मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये।*

*-बिजली मैं बचाऊँगा नहीं,*
*_बिल मुझे माफ़ चाहिये ।*

*-पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं,*
*_मौसम मुझको साफ़ चाहिये।*

*-शिकायत मैं करूँगा नहीं,*
*_कार्रवाई तुरंत चाहिये ।*

*-बिना लिए कुछ काम न करूँ,*
*_पर भ्रष्टाचार का अंत चाहिये ।*

*-घर-बाहर कूड़ा फेकूं,*
*_शहर मुझे साफ चाहिये ।*

*-काम करूँ न धेले भर का,*
*_वेतन लल्लनटाॅप चाहिये ।*

*-एक नेता कुछ बोल गया सो*
*_मुफ्त में पंद्रह लाख चाहिये।*

*-लाचारों वाले लाभ उठायें,*
*_फिर भी ऊँची साख चाहिये।*

*-लोन मिले बिल्कुल सस्ता,*
*_बचत पर ब्याज बढ़ा चाहिये।*

*-धर्म के नाम रेवडियां खाएँ,*
*_पर देश धर्मनिरपेक्ष चाहिये।*

*-जाती के नाम पर वोट दे,*
*_अपराध मुक्त राज्य चाहिए।*

*-मैं भारत का नागरिक हूँ ,*
*_मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिय।*
👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽👌🏽

Wednesday, November 16, 2016

*पहली बार किसी कविता को पढ़कर आंसू आ गए ।*

*पहली बार किसी कविता को पढ़कर आंसू आ गए ।*😔😔

*दुध पिलाया जिसने छाती से निचोड़कर*
*मैं* *"निकम्मा, कभी 1 ग्लास पानी पिला न सका ।* 😭

*बुढापे का "सहारा,, हूँ* *"अहसास" दिला न सका*
*पेट पर सुलाने वाली को* *"मखमल,* *पर सुला न सका ।* 😭

*वो "भूखी, सो गई "बहू, के "डर, से एकबार मांगकर*
*मैं "सुकुन,, के "दो, निवाले उसे खिला न सका ।*😭

*नजरें उन "बुढी, "आंखों से कभी मिला न सका ।*
*वो "दर्द, सहती रही में खटिया पर तिलमिला न सका ।* 😔

*जो हर "जीवनभर" "ममता, के रंग पहनाती रही मुझे*
*उसे "दिवाली  पर दो "जोड़ी, कपडे सिला न सका ।* *😭*

*"बिमार बिस्तर से उसे "शिफा, दिला न सका ।*
*"खर्च के डर से उसे बड़े* *अस्पताल, ले जा न सका ।* 😔

*"माँ" के बेटा कहकर "दम,तौडने बाद से अब तक सोच रहा हूँ*,
*"दवाई, इतनी भी "महंगी,, न थी के मैं ला ना सका* । 😭

*माँ तो माँ होती हे भाईयों माँ अगर कभी गुस्से मे गाली भी दे तो उसे उसका "Duaa"* *समझकर भूला देना चाहिए*|✨,, ✨

*मैं  यह वादा करता  अगर यह पोस्ट आप दस ग्रुप मे भेजोगे तो कम से कम दो लड़के ईस पोस्ट को पढ कर अपनी माँ के बारे मे सोचेंगे जरुर!!!!!!!!* 😔