✨जीत पक्की है✨
कुछ करना है, तो डटकर चल,
थोड़ा दुनियां से हटकर चल,
लीक पर तो सभी चल लेते है,
कभी इतिहास पलटकर चल।
बिना काम के मुकाम कैसा ?
बिना मेहनत के, दाम कैसा ?
जब तक ना हासिल हो मंज़िल
तो राह में,राही आराम कैसा ?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
ना कोई बहाना रख !
लक्ष्य तेरे सामने है बस,
उसी पे अपना ठिकाना रख !!
सोच मत, साकार कर,
अपने कर्मो से प्यार कर !
मिलेगा तेरी मेहनत का फल,
किसी का ना इंतज़ार कर !!
जो चले थे अकेले
उनके पीछे आज मेले है ...
जो करते रहे इंतज़ार ,
उनकी जिंदगी में आजभी झमेले है।
Sunday, March 13, 2016
जीत पक्की है
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