एक कविता उनके नाम जो ये कहते हैं कि
सरकारी अध्यापक कुछ नहीं करते हैं - शिक्षक की भूमिका के गीत
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🌹🌹शिक्षक की भूमिका के गीत🌹🌹
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सरस्वती को वन्दन करके
शीश झुकाने आया हूँ
मैं शिक्षक की पीड़ा के
कुछ गीत सुनाने आया हूँ
बाल गणना की खातिर
हम भेज दिए गलियारों में
हमें डाकिया बना दिया है
दिल्ली की सरकारों में
दरबाजे की वेल बजाकर
हर दरवाजे जाते हैं
किस घर में कितने बच्चे हैं
ये खोज खोजकर लाते हैं
भारत की हर जनगणना का
इतिहास हमें बतलाता है
बिन शिक्षक हुई न जनगणना
ये साफ़ साफ़ समझाता है
पल्स पोलियो किट पकड़ाकर
हमें डॉक्टर बना दिया
दो बूँद जिन्दगी की देकर के
हमें मास्टर बना दिया
शिक्षक अब शिक्षक नही रहा
मैं ये बतलाने आया हूँ
मैं शिक्षक की पीड़ा के
कुछ गीत सुनाने आया हूँ ।।
B.L.O.का बैग थामकर
पहुँचे बूथ इलेक्शन में
मानो कोई कमी रह गई
इनके किसी सिलेक्शन में
मतदाता पहचान पत्र भी
बाँटी सभी जनाबों की
घर घर पर्ची बाँट रहे हैं
शिक्षक सभी चुनावों की
बैंक में खाता खुलवाने को
शिक्षक बना दिए बाबू
भूल जरा सी हो जाये
अभिभावक होते बेकाबू
खाते में पैसे ना पहुँचे तो
गाली भी मिल सकती है
अभिभावक की वक्रदृष्टि से
धरती भी हिल सकती है
शिक्षक से बढ़कर अभिभावक
मैं ये समझाने आया हूँ
मैं शिक्षक की पीड़ा के
कुछ गीत सुनाने आया हूँ।।
मिड डे मिल की पूरी भी
शिक्षक को पहले खानी है
भले छिपकली इसमें हो
खाकर के हमें दिखानी है
शायद अमरौती खाकर
शिक्षक दुनियाँ में आया है
इसीलिए खाना चखने का
नियम यहाँ पर पाया है
बागवानी का काम कराकर
हमको माली बना दिया
एक हाथ से बजने वाली
हमको ताली बना दिया
आये दिन अधिकारी भी
कक्षा में आकर झाँक रहे
केवल कमियाँ देख देख
शिक्षण का स्तर आंक रहे
दिखती नहीं खूबियाँ इनको
याद दिलाने आया हूँ
मैं शिक्षक की पीड़ा के
कुछ गीत सुनाने आया हूँ।।
अनीमिया की गोली भी
शिक्षक बालक को खिला रहे
दवा मारने कीड़ो को
अपने हाथों से पिला रहे
लेकर के बुकलेट डाइस की
घूम रहे कम्प्यूटर पर
मास्टर जी हर रोज ढो रहे
डाक सभी स्कूटर पर
साफ़ सफाई भी परिसर की
हमको ही करवानी है
मास तालिका हर महीने की
हमको ही भरवानी है
बच्चों की रक्षा की खातिर
हमको गार्ड बना डाला
हर समय इनकमिंग वाला हमको
रोमिंग कार्ड बना डाला
काम न करने की अफवाह को
मैं झुठलाने आया हूँ
मैं शिक्षक की पीड़ा के कुछ
गीत सुनाने आया हूँ ।।
सेमिनार भी तरह तरह के
हमको पूरे करने हैं
मेडिकल के जाँच प्रपत्र
हमको पूरे भरने हैं
पुस्तक वितरण हेतु किताबें
भंडारों से लानी हैं
डेंगू और चिकनगुनिया की
रैली भी ले जानी हैं
खींच के फ़ोटो ऑफिस भेजो
मौक ड्रिल भूकम्पों की
तैयारी भी खूब कराओ
ऊँची लम्बी जम्पों की
मेले में विज्ञान के शिक्षक
रेडी खूब लगाते हैं
चाट पकौड़ी दही पापड़ी
सबको खूब खिलाते हैं
शिक्षण से ठेली तक की ये
गाथा गाने आया हूँ
मैं शिक्षक की पीड़ा के कुछ
गीत सुनाने आया हूँ ।।
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====भरत चौधरी अलीणा=====
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कवि की रचनात्मकता को अपना या किसी और का नाम लिखकर कवि को ठेस न पहुंचाए
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