👤 मुंजाय छे शुं मन मां,
समय जता वार नथी लागती.
रही जशे मन नी मनमां,
ए वात आजे साची नथी लागती.
कोने खबर छे,
कांकरा ने रेती मां बदलाता
वार नथी लागती.
क्षितिज ने जोऊं छूं ज्यारे,
सूर्यास्त ने सांज थता वार नथी लागती.
राग द्वेष काढी प्रेम थी जीवन
जीवी लेजो,
ह्रदय ने बंध थवा मां वार नथी लागती. !!!
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