"आया वसंत आया वसंत,
छाई जग में शोभा अनंत,
पल में पतझड़ का हुआ अंत,
है आज मधुर सब दिग दिगंत,
इस सुख का हो अब नहीं अंत,
घर-घर में छाये नित वसंत।।
वसंत पंचमी के शुभ एवं पवित्र अवसर पर आप सभी को हार्दिक शुभ कामनाएँ।
SAHITYA
Tuesday, January 31, 2017
आया वसंत आया वसंत
Sunday, January 29, 2017
मैया तेरे चरणों की, रज धूल जो मिल जाए
💞मैया तेरे चरणों की, रज धूल जो मिल जाए
सच कहती हूँ मेरी, तकदीर बदल जाए
मैया तेरे चरणों की....
सुनते है तेरी रहमत, दिन रात बरसती है-२
एक बूँद जो मिल जाए, मन की कली खिल जाए
मैया तेरे चरणों की....
💞 ये मन बड़ा चंचल है, कैसे तेरा भजन करूँ
जितना इसे समझाउँ, उतना ही मचलता है
मैया तेरे चरणों की....
💞नज़रों से गिराना ना, चाहे जितनी सज़ा देना
नज़रों से जो गिर जाए, मुश्किल ही सम्भल पाए
मैया तेरे चरणों की....
💞 मैया इस जीवन में, बस एक तमन्ना है
तुम सामने हो मेरे, मेरा दम ही निकल जाए
मैया तेरे चरणों की....
Wednesday, January 11, 2017
शिक्षक चालीसा
शिक्षक चालीसा
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दोहा
शिक्षक ज्ञान का सागर, शिक्षक नाम महान।
शिक्षक ही बताते है, है जग में ज्ञान महान।।
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जय जय जय शिक्षा के दाता।
सबको शुभ आशीष प्रदाता ।।1।।
अंधकार के तुम संहारक।
सकल ज्ञान के तुम्हीं प्रचारक ।।2।।
ज्ञान ज्योति को तुम्हीं जलाते।
अज्ञानी का ज्ञान बढ़ाते ।।3।।
मन में सुंदर भाव जगाते।
शिष्यों पर तुम प्यार लुटाते ।।4।।
भक्ति भाव का अलख जगाते।
नेक कर्म करना सिखलाते ।।5।।
चरित्रवान बनना सिखलाते।
मानव धर्म का पाठ पढ़ाते।।6।।
सद्भावों का ज्ञान कराते।
दुख को भी सहना सिखलाते।।7।।
सबके दुख को स्वयं मिटाते।
दीन दुखी को तुम अपनाते ।।8।।
लोभ-मोह को दूर भगाते।
शौर्य वीरता के गुण गाते ।।9।।
सकल विश्व में ज्ञान लुटाते।
शिक्षा का दीपक जलवाते ।।10।।
संयम से रहना सिखलाते।
सबको मुक्ति मार्ग दिखलाते ।।11।।
तुम्हीं हो सद्बुद्धि प्रदाता।
तुम्हीं हो हम सबके दाता ।।12।।
कर्मवान, गुणवान बनाते।
शिक्षा का अधिकार बताते ।।13।।
सुगम-अगम का भेद कराते।
भक्ति भाव का गुण सिखलाते ।।14।।
शिक्षा की सुगंध फैलाते।
दिग-दिगंत को तुम महकाते ।।15।।
देश-भक्ति का भाव जगाते।
भारत माँ पर जान लुटाते ।।16।।
अनपढ़ को विद्वान बनाते।
धर्म-धर्म का ज्ञान कराते ।।17।।
वेद और कुरान पढ़ाते।
शिक्षा की तुम ज्योति जलाते ।।18।।
सबको शिक्षा ज्ञान कराते।
शिक्षित कर विद्वान बनाते ।।19।।
तुम्हीं शिक्षा के उन्नायक।
एक तुम्हीं हो ज्ञान प्रदायक।।20।।
सही गलत का ज्ञान कराते।
शिक्षा का संकल्प दिलाते ।।21।।
देश प्रेम के तुम परिचायक।
एक तुम्हीं हो विश्व विधायक ।।22।।
तुम हो सकल ज्ञान के स्वामी।
सत्यपथ के तुम अनुगामी ।।23।।
तुम्हीं हो यश के अधिकारी।
तुम्हीं ज्ञान के परम पुजारी ।।24।।
सदा तुम्हारी जो यश गाते।
वो ही सकल ज्ञान को पाते ।।25।।
तुम पर है हमको अभिमान।
तुम करते हो ज्ञान प्रदान ।।26।।
तुम्हीं हो शिक्षक विज्ञानी।
नहीं तुम्हारा जग में सानी ।।27।।
तुम्हीं हो राष्ट्र के निर्माता।
उज्जवल भविष्य मार्ग प्रदाता ।।28।।
ज्ञानोदय के तुम हो तपस्वी।
धीर-गंभीर तुम्हीं ओजस्वी ।।29।।
चहुँ दिश ज्ञान पुँज फैलाते।
भाईचारा प्रेम सिखाते ।।30।।
सफल-सबल, गतिवान बनाते।
सबमें करूणा भाव जगाते ।।31।।
श्रद्धा-सेवा के भाव जगाते।
ध्यान-योग का मार्ग बताते।।32।।
सादा जीवन को अपनाते।
निष्ठावान गुणवान बनाते ।।33।।
सबै मंगलकारी उपासक।
सभ्यता-संस्कृति के तुम गायक ।।34।।
अहिंसा-सहयोग सिखलाते।
प्रेम शांति मार्ग सुझाते ।।35।।
तुम्हरे बिना संसार अधूरा।
तुम ही करते इसको पूरा ।।36।।
सहनशीलता अपरम्पारा।
धरती सम तुम सदा उदारा ।।37।।
सुविचारों के तुम ही पोषक।
संयमित जीवन के उद्घोषक ।।38।।
आशावाद के तुम प्रदाता।
सुखमय राष्ट्र के तुम विधाता ।।39।।
हर युग में परताप तुम्हारा।
तुम से जग में उजियारा।।40।।
दोहा
तुम ज्ञानी हो ज्ञान के, सबको देते ज्ञान।
इसीलिए गुरूवर तुम्हें, करते सभी प्रणाम।।
Sunday, January 8, 2017
_*भगवान तुमसे दूर नहीं।*_
; _*पावों में यदि जान हो*_
_*तो*_
_*मंजिल तुमसे दूर नहीं।*_
_*आँखों में यदि पहचान हो,*_
_*तो*_
_*इंसान तुमसे दूर नहीं।*_
_*दिल में यदि स्थान हो*_
_*तो*_
_*अपने तुमसे दूर नहीं।*_
_*भावना में यदि जान हो,*_
_*तो*_
_*भगवान तुमसे दूर नहीं।*_
Wednesday, December 7, 2016
*आदमी की औकात !!!!!!*
*बिलकुल सत्य*
एक माचिस की तीली,
एक घी का लोटा,
लकड़ियों के ढेर पे
कुछ घण्टे में राख.....
बस इतनी-सी है
*आदमी की औकात !!!!*
एक बूढ़ा बाप शाम को मर गया ,
अपनी सारी ज़िन्दगी ,
परिवार के नाम कर गया।
कहीं रोने की सुगबुगाहट ,
तो कहीं फुसफुसाहट ,
....अरे जल्दी ले जाओ
कौन रखेगा सारी रात...
बस इतनी-सी है
*आदमी की औकात!!!!*
मरने के बाद नीचे देखा ,
नज़ारे नज़र आ रहे थे,
मेरी मौत पे .....
कुछ लोग ज़बरदस्त,
तो कुछ ज़बरदस्ती
रो रहे थे।
नहीं रहा.. ........चला गया..........
चार दिन करेंगे बात.........
बस इतनी-सी है
*आदमी की औकात!!!!!*
बेटा अच्छी तस्वीर बनवायेगा ,
सामने अगरबत्ती जलायेगा ,
खुश्बुदार फूलों की माला होगी ......
अखबार में
अश्रुपूरित श्रद्धांजली होगी.........
बाद में उस तस्वीर पे ,
जाले भी कौन करेगा साफ़...
बस इतनी-सी है
*आदमी की औकात !!!!!!*
जिन्दगी भर ,
मेरा- मेरा- मेरा किया....
अपने लिए कम ,
अपनों के लिए ज्यादा जिया ...
कोई न देगा साथ...जायेगा खाली हाथ....
क्या तिनका
ले जाने की भी
है हमारी औकात ???
*ये है हमारी औकात* फिर घमंड कैसा ?
Sunday, December 4, 2016
आहिस्ता चल जिंदगी
आहिस्ता चल जिंदगी,अभी
कई कर्ज चुकाना बाकी है
कुछ दर्द मिटाना बाकी है
कुछ फर्ज निभाना बाकी है
रफ़्तार में तेरे चलने से
कुछ रूठ गए कुछ छूट गए
रूठों को मनाना बाकी है
रोतों को हँसाना बाकी है
कुछ रिश्ते बनकर ,टूट गए
कुछ जुड़ते -जुड़ते छूट गए
उन टूटे -छूटे रिश्तों के
जख्मों को मिटाना बाकी है
कुछ हसरतें अभी अधूरी हैं
कुछ काम भी और जरूरी हैं
जीवन की उलझ पहेली को
पूरा सुलझाना बाकी है
जब साँसों को थम जाना है
फिर क्या खोना ,क्या पाना है
पर मन के जिद्दी बच्चे को
यह बात बताना बाकी है
आहिस्ता चल जिंदगी ,अभी
कई कर्ज चुकाना बाकी है
कुछ दर्द मिटाना बाकी है
कुछ फर्ज निभाना बाकी है !
Saturday, December 3, 2016
तेरे बिन एक पल ना रहूँ
☘🌹🍁☘🌹🍁
☘ साँवरिया ☘
मुज्ञे एेसी लगन
तू लगा दे
कि तेरे बिन एक पल
ना रहूँ
दिल में प्रेमवाला दीप
जला दे
कि तेरे बिन एक पल
ना रहूँ
तुने दिल काे चुराया
मैंने कुछ ना कहा
तुने बड़ा तड़पाया
मैंने कुछ ना कहा
अब एेसी तू एक
ज्ञलक दिखा दे
कि तेरे बिन एक पल
ना रहूँ
☘ मेरे साँवरिया ☘